Header Ads

आच्छी फिल्म हर दौर मैं चाली छे

नीलू-अरविंद अर जगदीश व्यास स्यूं हुई मन की बात, जाणकार के अठे सगाई समारोह में आया छा तीनूं, राजस्थानी कलाकारां की खबर छापणे पर भास्कर ने दियो घणूं-घणूं धन्यवाद
आपणां सनीमां को दौर फेरूं आवे लो। जोरदार तरीका स्यूं आवे लो। आच्छी फिल्म हर दौर मैं चाली छे अर हर दौर मैं चाले ली। यो केणूं छो राजस्थानी फिल्मां की जाणी-पिछाणी हीरोइन नीलू को। बींद अरविंद के साथ एक सगाई समारोह में शामिल होबा के तांई आया छा जैपुर। ईं समारोह मैं ही आया छा दूसरी रिलीज राजस्थानी फिल्म स्यूं लेर आज तक फिल्मां में सक्रिय कलाकार जगदीश व्यास। होटल क्लार्क आमेर में बातचीत के दौरान यांकी शिकायत छी की आपणां प्रदेश का अखबार ही याने कवरेज कोने देवे, जबकि हिंदी भाषी धारावाहिकां का छोटा स्यूं छोटा कलाकार की भी बड़ी-बड़ी खबरां छापे छे। यां का मन मैं बैठ्योड़ी या धारणा राजस्थान को प्रसिद्ध समाचार पत्र दैनिक भास्कर तोड़ी। भास्कर न केवल यांको इंटरव्यू छाप्यो बल्कि सिटी भास्कर का उण पेज पर यांने जगह दी जठे अब तक केवल बॉलीवुड या हॉलीवुड का कलाकारां ने ही जगां मिलबो करे छी। जयपुर स्यूं रवाना होती बखत तीनां का चेहरा पर इं बात की खुशी छी के वाने दैनिक भास्कर इतरो सम्मान दियो। ईं बात के लिए वे दैनिक भास्कर ने घणूं-घणूं धन्यवाद दिया। राजस्थानी सिनेमा का ईं ब्लॉग में उण बातचीत ने एक बार फेरूं थांके तांई ल्याया छां।
अब राजस्थानी फिल्मों का लौटेगा दौर

राजस्थानी फिल्मों की हीरोइन नीलू को आशा है कि अब बदलेगा लोगों और सरकार का नजरिया
लंबे अरसे तक राजस्थानी फिल्मों से दूरी बनाने वाली अभिनेत्री नीलू ने इस सफर को शुरू करने का बीड़ा उठाया है। मुंबई से अपने शहर जयपुर आईं नीलू ने बताया, हिंदी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस गणित गड़बड़ा गया है। अब भारी बजट और बड़ी स्टारकास्ट होने के बाद भी कोई गारंटी नहीं कि फिल्म कुछ कमला दिखाएगी। ऐसे में अगर अच्छी प्रोडक्शन क्वालिटी और कहानी के साथ राजस्थानी फिल्म बनाई जाएं तो दर्शकों को फिर से इन फिल्मों की तरफ मोड़ा जा सकता है। 
उन्हें अफसोस है कि राजस्थानी फिल्मों के प्रति दर्शकों, सरकार और सिनेमाघरों का नजरिया सही नहीं रहा। न तो इन फिल्मों को सरकारी मदद मिलती है और न कोई मल्टीप्लैक्स इनको रिलीज करना चाहता है। ऐसे में प्रोड्यूसर्स का विश्वास मुश्किल होता है।
वे कहती हैं, इसके बावजूद मैं राजस्थानी फिल्मों के भविष्य को लेकर आशान्वित हूं। अब राजस्थानी  फिल्मों का दौर एक बार फिर से शुरू होगा और खुद सिनेमाघर इन्हें शरण देंगे। अपने नए प्रोजेक्ट्स के बारे में उन्होंने कहा, मैं नई फिल्म राजू बन गया जेंटल मैन के साथ फिर से दर्शकों के सामने आ रही हूं। इस फिल्म मे मैं दुर्गा के लीड रोल में हूं ।
राजस्थानी फिल्में हर दौर में जिंदा रहेंगी
दूसरी राजस्थानी फिल्म से लेकर आने वाली राजस्थानी फिल्मों में अभिनय के जौहर दिखाने वाले जगदीश व्यास मानते हैं, नहीं खत्म होगा इनका जादू
राजस्थानी फिल्म बाबो सा री लाडली से लेकर आने वाली राजस्थानी फिल्म राजू बन गया एमएलए तक में अभिनय कर चुका हूं। इतने साल इन फिल्म में काम करने के बाद मैंने यही महसूस किया कि हमारी भाषा का जादू कभी खत्म नहीं हो सकता। यह कहना है राजस्थानी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में शुमार एक्टर जगदीश व्यास का। सिटी भास्कर से हुई मुलाकात में जगदीश व्यास ने बताया कि मैं शुरुआती दौर में कुछ राजस्थानी फिल्में करने के बाद मुंबई चला गया। वहां सिनेमा से जुड़े तमाम पहलुओं को सीखा और जाना। यहां तक कि राजश्री प्रोडक्शन जैसे बैनर में प्रोडक्शन मैनेजर तक रहा। मगर कुछ सालों बाद फिर अपनी सरजमीं पर लौट आया और फिर राजस्थानी फिल्मों की सेवा में जुट गया। राजस्थानी फिल्मों की वर्तमान दशा पर उनका कहना है कि अब रोने की बारी नहीं बल्कि हमारी भाषा की फिल्मों के लिए कुछ करने की बारी है। इसके लिए हम संगठित होकर सरकार पर इस बात का प्रैशर बनाने की कोशिश करेंगे कि वह दूसरे राज्यों की तर्ज पर इन फिल्मों के लिए अच्छे सिनेमाघर मुहैया करवाए। अगर ऐसा हो गया तो शायद इन फिल्मों का सुनहरा दौर लौट आए।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.