संसद में फिर गूंजा राजस्थानी भाषा का मुद्दा

भाजपा सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने शून्यकाल में उठाया मामला
जयपुर. राजस्थानी भाषा का मुद्दा शुक्रवार को एक फिर संसद में गूंजा। बीकानेर से भाजपा के सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने शून्यकाल के दौरान मामला उठाते हुए कहा कि राजस्थानी को मान्यता नहीं देने पर केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए शिक्षा का अधिकार कानून की पालना कैसे होगी। उन्होंने कहा कि इस कानून के पैरा 29(2)(एफ) में यह प्रावधान है कि छात्र छात्राओं को प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में ही दी जाए।
शून्यकाल के दौरान उठाए इस मुद्दे पर मेघवाल ने कहा कि लोकसभा के पिछले सत्र में भोजपुरी और राजस्थानी को मान्यता देने का मुद्दा आया। 18 दिसंबर, 2006 को इसी हाउस में सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया था कि हम भोजपुरी और राजस्थानी को महापात्रा कमेटी की अभिशंषा के अनुसार 14 वीं लोकसभा में ही बिल लेकर आएंगे और मान्यता दिलवाएंगे। 14वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया और 15 वीं लोकसभा का भी दूसरा साल जा रहा है। उन्होंने अमेरिका में प्रेसिडेंशियल अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया में राजस्थानी भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है, फिर भी देश में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले मामला उठाने पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय माकन भरोसा दिला चुके हैं। हंगामा होने पर सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने अगले सत्र में विशेष चर्चा करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी कुछ नहीं हुआ। उन्होंने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की पुरजोर मांग की।

4 टिप्‍पणियां

Gyan Darpan ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Gyan Darpan ने कहा…

सांसद अर्जुन रामजी नै लखदाद
way4host

shivraj gurjar ने कहा…

ghani khamma ratanji.

Gyan Darpan ने कहा…

घणी खम्मा सा

Blogger द्वारा संचालित.