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छह महीने में ही 2011 की बराबरी


जयपुर. राजस्थानी फिल्में बनने और रिलीज होने के हिसाब से 2012 पिछले साल के मुकाबले काफी आगे है। इस साल छह महीने में ही चार फिल्में प्रदर्शित हो चुकी हैं, जबकि 2011 में पूरे साल भर में इतनी फिल्में रिलीज हुई थीं।

2011 में रिलीज फिल्में 

2011 में सबसे पहले रिलीज होने वाली फिल्म थी निर्देशक लोकेश मैनारिया की दूसरी विदाई। यह फिल्म 6 अगस्त को प्रदर्शित हुई थी। इसके करीब 2 महीने बाद 14 अक्टूबर को निर्माता नितिन जोशी व निर्देशक लखविंदर सिंह की माटी का लाल मीणा-गुर्जर सिनेमा घरों में पहुंची। इसी महीने की 28 तारीख को शिरीष कुमार की  फिल्म लाडो मरुधरा की शान कापद्रर्शन हुआ। निर्देशक लखविंदर सिंह की महर करो पपळाज माता 18 नवंबर को रिलीज हुई।

2012 में रिलीज फिल्में

इस साल फिल्में प्रदर्शित होने का सिलसिला फरवरी से शुरू हुआ। इस महीने दो फिल्में रिलीज हुईं। निर्माता मुकेश टाक की चूंदड़ी ओढ़ासी म्हारो बीर 10 फरवरी को तथा निर्देशक गजेंद्र श्रोत्रिय की भोभर 17 फरवरी को सिनेमा घरों में पहुंचीं। मार्च अप्रैल खाली गए। मई में 18 तारीख को निर्देश सुनित कुमावत की राजू बण ग्यो एमएलए का प्रदर्शन हुआ। इसके बाद 29 जून को निर्देशक लखविंदर सिंह की भंवरी रिलीज हुई।

पहले 7 महीने कोई फिल्म नहीं आई थी 2011 में

पिछले साल शुरू के सात महीने राजस्थानी सिनेमा उद्योग में सूखा सा पड़ा रहा। जुलाई तक कोई भी फिल्म रिलीज नहीं हुई थी। अगस्त में जाकर पहली फिल्म प्रदर्शित हुई थी।

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