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लोग मिलते गए, कारवां जुड़ता गया

जिनसे बात हुई, सबने कहा: तुम काम करो, हम तुम्हारे साथ है
'राजस्थानी फिल्मां रो उच्छब' में हमारा प्रयास है कि हम हर उस व्यक्ति से संपर्क कर सकें जो राजस्थानी सिनेमा के लिए कुछ कर रहा है। जब हमने इस पर काम करना शुरू किया तो जो सबसे बड़ी परेशानी आई वो यह थी कि अधिकांश कलाकारों, निर्माता-निर्देशकों, लेखकों, गीतकारों-संगीतकारों और सिनेमेटोग्राफरों के संपर्क नंबर पाना। जब चल पड़े तो यह समस्या भी अपने-आप हल होती चली गई। एक से संपर्क हुआ तो दूसरे का पता चला, दूसरे से मिले तो तीसरे का, और इस तरह सिलसिला चल निकला।

नीलू-अरविंद ने कहा-जरूर आएंगे 


निमंत्रण देने के लिए जब मैने राजस्थानी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री नीलू को फोन किया तो उस समय वे मुंबई मैं थीं। उन्हें जब मैंने 'राजस्थानी फिल्मां रो उच्छबÓ के बारे में बताया तो वे काफी खुश हुईं। उन्होंने रुचि दिखाते हुए कार्यक्रम के बारे में सारी जानकारी ली। साथ ही उन्होंने अपने पति अरविंद से भी बात करवाई। देानों ने कार्यक्रम में शामिल होने की हामी भरते हुए कहा, हमारी ही फिल्मों के कार्यक्रम में नहीं आएंगे तो फिर किसमें आएंगे। उनकी नई फिल्म 'हिवड़े स्यूं दूर मत जाज्योÓ की स्क्रीनिंग भी इस दौरान की जाएगी।
(नीलू राजस्थानी सिनेमा की पहचान है। उन्होंने अब तक बनीं करीब 110 फिल्मों में से 45 में अभिनय किया है। सबसे ज्यादा राजस्थानी फिल्मों में नायिका के रूप में काम करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम ही है।)
सन्नी अग्रवाल का कहना था, जब कहो आ जाऊंगा
राजस्थानी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता सन्नी अग्रवाल को फोन किया तो एक -दो रिंग पर ही उन्होंने फोन उठा लिया। जब उनसे राजस्थानी फिल्मां रो उच्छब के बारे में बताया तो उनका कहना था, जब कहो आ जाऊंगा। आप तो कार्यक्रम कीजिए। पूरा राजस्थानी सिनेमा जगत आपके साथ रहेगा। आप तो इतना कीजिएगा कि जैसे ही कार्यक्रम की तिथि तय हो जाए मुझे बता दीजिए, ताकि उसी हिसाब से मैं अपना कार्यक्रम बना लूं।

(सन्नी अग्रवाल ने कई राजस्थानी फिल्मों में अभिनय करने के साथ तीन फिल्मों का निर्माण व भी किया है। इनके द्वारा अभिनीत फिल्मों में धार्मिक फिल्मों की संख्या ज्यादा है)

 संदीप वैष्णव बोले कब आना है 
निर्माता-निर्देशक संदीप वैष्णव से जब मैंने फोन पर इस कार्यक्रम के बारे में चर्चा की तो उनका सबसे पहला सवाल ही यही था, 'कब आना है। '  उन्हें बहुत अच्छा लगा कि राजस्थानी फिल्मों पर कोई कार्यक्रम हो रहा है। इस दौरान उनसे उनकी निर्माणाधीन फिल्म के संबंध में भी चर्चा हुई। जब मैंने उनसे समारोह में स्क्रीनिंग के लिए उनकी निर्माणाधीन फिल्म का प्रोमो उपलब्ध कराने की बात की तो उन्होंने खुशी से इसकी अनुमति दे दी।
(सबसे ज्यादा राजस्थानी फिल्में बनाने वाले निर्माता-निर्देशक हैं संदीप वैष्णव। इन्होंने अब तक नौ फिल्में बनाई हैं और दसवीं निर्माणाधीन है।)

जगदीश व्यास बोले 'थैंक्यू सरजी'
अभिनेता जगदीश व्यास से मेरी बात हुई उस समय वो जोधपुर में थे। कार्यक्रम की रूपरेखा बताई तो उनके पहले शब्द यही थे, 'थैंक्यू सरजी ।' आप निश्चिंत रहिए मैं जरूर आउंगा। अच्छा लगा कि किसी ने राजस्थानी सिनेमा और इनमें काम करने वाले लोगों को याद किया।
(जगदीश व्यास वो कलाकार हैं, जिन्होंने दूसरी राजस्थानी फिल्म, जो सही मायने में राजस्थानी सिनेमा की शुरुआत थी, में भी बतौर कलाकर काम किया था और हाल ही बनी हिवड़े स्यूं दूर मत जाज्यो फिल्म में भी अभिनय किया है।)

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