"रा-वन" के आगे नहीं हारी राजस्थानी फिल्में
लाडो मरुधरा की शान व माटी का लाल का जोरदार प्रदर्शन, शान से चल रही हैं दूसरे सप्ताह में भी
जयपुर . राजस्थानी फिल्मों के बारे में अब लोगों को अपनी यह सोच बदलनी पड़ेगी कि वे चलती नहीं हैं। हाल ही रिलीज हुई दो राजस्थानी फिल्मों माटी का लाल गुर्जर मीणा और लाडो मरुधरा की शान ने यह साबित कर दिया कि सही प्रमोशन और सिनेमा हॉल मिले तो वे भी जबर्दस्त कारोबार कर सकती हैं, फिर मुकाबले में चाहे शाहरूख खान की फिल्म रा-वन ही क्यों न हो। लाडो मरुधरा की शान और माटी का लाल दोनों फिल्में दीपावली पर रिलीज हुई थी। हालांकि, निर्माताओं के इस फैसले को अधिकतर लोगों ने आत्महत्या करने जैसा बताया था, लेकिन उनका कदम सही साबित हुआ। लाडो जयपुर के गोलेछा सिनेमा हॉल में मुकाबले में थी तो माटी का लाल सवाईमाधोपुर के प्रकाश सिनेमा व गंगापुरसिटी के सिनेमा हॉल में। माटी का लाल वहां धरती पकड़ पहलवान साबित हुई और रा-वन को पछाड़ दिया। वह वहां दूसरे सप्ताह में भी शान से चल रही है। लाडो ने भी जयपुर में नई लकीर खींच दी है। रा-वन जैसी फिल्म के आगे वह दूसरे सप्ताह में भी डटी हुई है। राजधानी में लाडो का यह प्रदर्शन अन्य निर्माताओं को भी जयपुर में फिल्म रिलीज करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
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