हम आपके साथ हैं : राजीव अरोड़ा
राजस्थानी फिल्मों पर गोष्ठी (दूसरी कड़ी): सेंसर बोर्ड के सदस्य राजीव अरोड़ा ने इस बात से सहमति जताई कि सरकार को राजस्थानी फिल्मकारों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए
एक कमेटी गठित हो
राजीव अरोड़ा ने कहा कि निशुल्क लोकेशंस उपलबध कराने में मुश्किल यह आती है कि यह पता नहीं चल पाता कि वह व्यक्ति वास्तव में राजस्थानी फिल्म बना रहा है या उसका दुरुपयोग तो नहीं कर रहा है। इसके लिए एक ऐसी कमेटी गठित की जानी चाहिए, जो राजस्थानी फिल्म निर्माताओं के लिए संस्तुति कर सके कि उन्हें लोकेशंस निशुल्क दी जाए। शूटिंग संबंधी नियमों का निर्धारण व जांच भी यही कमेटी करेगी।
अन्य सुविधाएं भी दिलवाएंगे
राजीवअरोड़ा ने कहा कि वह अभी सरकार में तो नहीं हैं लेकिन उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि वह उनकी समस्याओं को सरकार के सामने सिर्फ रखेंगे ही नहीं बल्कि उनका समाधान करवाने की भी कोशिश करेंगे। इन सुविधाओं में राजस्थानी फिल्मों की अनिवार्य रूप से मनोरंजन कर से मुक्ति, सिनेमाघर उपलब्ध करवाना, मिनी थिएटर बनवाना तथा अन्य करों में छूट दिलवाना है।
फिल्म निर्माण का वातावरण बनाएं
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजस्थानी फिल्मकारों को फिल्म निर्माण के लिए आगे बढ़कर आना होगा। वे फिल्म बनाने की शुरुआत करें, सुविधाएं अपने आप जुट जाएंगी।
पर्यटन को भी बढ़ावा
फिल्मों से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। राजस्थान इतना समृद्ध है कि उसकी फिल्में सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी पहचान बना सकती हैं। अरोड़ा ने कहा कि सत्यजीत राय ने जैसलमेर के सोनार किले पर जो फिल्म बनाई, उसने सोनार किले को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया। विदेशी पर्यटक जब जैसलमेर घूमने आते हैं तो सोनार किले को देखना नहीं भूलते। राजस्थानी फिल्मों में इस तरह के प्रयोग किए जा सकते हैं।
(अन्य वक्ताओं ने क्या कहा और क्या दिए सुझाव पढ़ें अगली पोस्ट में)
Post a Comment