Header Ads

विधवाओं के प्रति सोच बदलेगी "दूसरी विदाई"

आने वाली राजस्थानी फिल्म

फिल्म का नाम : दूसरी बिदाई
बैनर : राघव पिक्चर्स एण्ड ईन्टरटेनमेन्ट
कहानी : लोकेश मेनारिया
निर्देशक : लोकेश मेनारिया
कलाकार : मनीष कल्ला, अजयकरण, जाह्नवी, रमेश बोहरा, रेखा बालड़, गजेन्द्र शर्मा, अन्जना पालीवाल, दीपक दीक्षित, नीतु कच्छारा, आशु , नरेन्द्र आशियां एवं अन्य।
डाइरेक्टर की नजर में फिल्म
दूसरी बिदाई विधवा विवाह पर आधारित एक पारिवारिक फिल्म है। हिन्दी में तो विधवा विवाह पर कई फिल्में बनी हैं, जिनमें पुरानी में प्रेम रोग और नई में बाबुल प्रमुख है, पर राजस्थान में ऐसे प्रयास बहुत कम हुए हैं।
दूसरी विदाई इनसे थोड़ी हटकर है। इसमें विधवाओं की स्थिति दर्शाने के साथ ही कैसे उनका जीवनस्तर सुधारा जा सकता इस पर तो फोकस किया ही गया है, साथ ही इस बात को भी प्रमुखता से उभारा गया है कि हमें इस मर्दाना सोच को बदलना पड़ेगा कि आदमी तो पत्नी के होते हुए भी दूसरा विवाह कर सकता है लेकिन महिला पति के मरने के बाद विवाह करना तो दूर जीवन भी खुशी से नहीं जी सकती।
फिल्म एक ऐसी महिला की है जो एक अच्छे परिवार में सुखी जीवन जी रही है। अचानक विपदा उस पर टूटती है और उसके पति की मौत हो जाती है। इसके साथ ही परिस्थियां अचानक बदलती है। हमेशा खुशियों से सरोबार रहने वाली उस महिला के जीवन में सुख का जैसे सूखा सा पड़ जाता है। ऐसी परिस्थियों में वह कैसे जीवन बसर करती है और कैसे उसके जीवन में फिर से बहार आती है, यही फिल्म में दर्शाया गया है। फिल्म में भावनाओं को इस तरह से पिरोया गया है कि दर्शक किरदार को जीएगा। किरदार हंसेगा तो दर्शक हंसेगा और किरदार रोयेंगे तो दर्शक भी रोएगा। फिल्म में 7 गाने है, जिन्हें संगीत से सजाया है हर्ष शर्मा ने।

5 टिप्‍पणियां

Jandunia ने कहा…

दूसरी विदाई के बारे में जानकारी देने के लिए शुक्रिया

Shekhar Kumawat ने कहा…

achi jankari di aap ne


aap ka aabhar


ki aap rajasthani ke liye kuch kar rahe he
shekhar kumawat


http://kavyawani.blogspot.com/

shivraj gujar ने कहा…

धन्यवाद शेखर। हमारा प्रयास आपको भाया। हमारी कोशिश यही है कि राजस्थानी सिनेमा को एक पहचान मिले। ज्यादा लोगों तक राजस्थानी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी सूचनाएं पहुंचे।

O.L. Menaria ने कहा…

Your contribution to the mother tongue is great. Please go on encouraging the people engage in the service of rajasthani either in literature, poetry or film. Thanks.

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

इस ब्लाग पर आकर आनंद आ गया
ज़रा मेल चैक कीजिये

Blogger द्वारा संचालित.