कैसे होगा राजस्थानी फिल्म समारोह?
अभी तक आयोजकों की ओर से फिल्मों का चयन भी पूरा नहीं हो पाया। राजस्थानी कलाकारों को नहीं मिला निमंत्रण
सुरेन्द्र बगवाड़ा . जयपुर
23 सितंबर से जवाहर कला केन्द्र में होने वाला जयपुर का पहला राजस्थानी
फिल्म समारोह क्या हो पाएगा? क्या फिल्मों को देखने के लिए दर्शक रंगायन
सभागार तक आ पाएंगे? इस पर अभी तक संशय बना हुआ है। अभी तक न तो आयोजकों की
ओर से फिल्मों का चयन किया गया है और न ही अभी यहां आने वाले कलाकारों से
बात हो पाई है। इसके चलते स्वयं आयोजक भी परेशानी में पड़े हैं।इस संदर्भ
में जब सिटी रिपोर्टर ने आयोजकों से बात की तो उन्होंने कहा कि कल तो लिस्ट
पूरी हो जाएगी। कार्यक्रम सफल होगा, लेकिन जब राजस्थानी कलाकारों से बात
की तो उन्होंने कहा समारोह राम भरोसे है। कलाकार तो सिर्फ यही कह रहे हैं
कि समारोह के लिए बुलाया जाएगा तो जरूर जाएंगे, लेकिन कब बुलाया जाएगा। एक
दिन पहले? सूत्रों के अनुसार अभी तक सिर्फ बाई चाली सासरिए, सुपातर बीनणी
और भोभर को प्रदर्शित करने के ही राइट्स मिले हैं। नानी बाई रो मायरो तो
अभी ‘फिफ्टी फिफ्टी’।
आयोजकों ने नहीं बनाई फिल्में
सुपातर बीनणी के अभिनेता शिरीष कुमार ने जयपुर आने की बात तो कही है। इसके बावजूद वे आयोजकों से नाराज हैं। उनका कहना है कि जो इस समारोह का आयोजन कर रहे हैं। उन्हें राजस्थानी फिल्मों की अधिक जानकारी नहीं है। पुराने कलाकारों से समारोह के बारे में पहले बातचीत करनी चाहिए थी। वहीं बाई चाली सासरिए के निर्माता भरत नाहटा का कहना है जब फिल्में ही नहीं बनतीं तो इस समारोह की सार्थकता कैसे सिद्ध होगी। सरकार उदासीन है। सब्सिडी बढ़ाए। कलाकारों को फिल्म निर्माण में सहायता करे। फिर समारोह आयोजित करवाए तो खुशी होगी। नाहटा परिवार ‘बाबासा री लाडली’, ‘धणी लुगाई’, ‘बाबा रामदेव’, ‘वीर तेजाजी’, ‘धर्मभाई’ तथा ‘देराणी-जेठाणी’ जैसी फिल्में बना चुका है। समारोह आयोजन से पूर्व निर्माता निर्देशकों से बात कर ली जाती तो शायद समारोह सार्थक हो सकता था।
सीडी वाले करते परेशान
आयोजकों का कहना है कि फीचर फिल्म के लिए जहां राइट्स नहीं मिला, वहीं स्थानीय निर्माता निर्देशक अपनी वीडियो फिल्मों के प्रदर्शन की आस लगाए बैठे हैं। सीडी पर बनाई फिल्मों को लेकर वे रोज फोन करते हैं। देखते हैं क्या होता है।
आएंगे कमल बडज़ात्या
मैं प्रेम की दीवानी हूं, विवाह, एक विवाह ऐसा भी, इसी लाइफ में जैसी बॉलीवुड फिल्मों के निर्माता कमल बडज़ात्या 23 सितंबर को समारोह में आएंगे। वे राजस्थानी फिल्मों के प्रोत्साहन के बारे में बातचीत करेंगे। अभिनेत्री नीलू और अभिनेता अरविंद भी 25 सितंबर को जयपुर में आ रहे हैं। संगीतकार ललित सेन भी जयपुर आएंगे। वे समारोह में संगीत विषय पर बातचीत करेंगे।
आयोजकों ने नहीं बनाई फिल्में
सुपातर बीनणी के अभिनेता शिरीष कुमार ने जयपुर आने की बात तो कही है। इसके बावजूद वे आयोजकों से नाराज हैं। उनका कहना है कि जो इस समारोह का आयोजन कर रहे हैं। उन्हें राजस्थानी फिल्मों की अधिक जानकारी नहीं है। पुराने कलाकारों से समारोह के बारे में पहले बातचीत करनी चाहिए थी। वहीं बाई चाली सासरिए के निर्माता भरत नाहटा का कहना है जब फिल्में ही नहीं बनतीं तो इस समारोह की सार्थकता कैसे सिद्ध होगी। सरकार उदासीन है। सब्सिडी बढ़ाए। कलाकारों को फिल्म निर्माण में सहायता करे। फिर समारोह आयोजित करवाए तो खुशी होगी। नाहटा परिवार ‘बाबासा री लाडली’, ‘धणी लुगाई’, ‘बाबा रामदेव’, ‘वीर तेजाजी’, ‘धर्मभाई’ तथा ‘देराणी-जेठाणी’ जैसी फिल्में बना चुका है। समारोह आयोजन से पूर्व निर्माता निर्देशकों से बात कर ली जाती तो शायद समारोह सार्थक हो सकता था।
सीडी वाले करते परेशान
आयोजकों का कहना है कि फीचर फिल्म के लिए जहां राइट्स नहीं मिला, वहीं स्थानीय निर्माता निर्देशक अपनी वीडियो फिल्मों के प्रदर्शन की आस लगाए बैठे हैं। सीडी पर बनाई फिल्मों को लेकर वे रोज फोन करते हैं। देखते हैं क्या होता है।
आएंगे कमल बडज़ात्या
मैं प्रेम की दीवानी हूं, विवाह, एक विवाह ऐसा भी, इसी लाइफ में जैसी बॉलीवुड फिल्मों के निर्माता कमल बडज़ात्या 23 सितंबर को समारोह में आएंगे। वे राजस्थानी फिल्मों के प्रोत्साहन के बारे में बातचीत करेंगे। अभिनेत्री नीलू और अभिनेता अरविंद भी 25 सितंबर को जयपुर में आ रहे हैं। संगीतकार ललित सेन भी जयपुर आएंगे। वे समारोह में संगीत विषय पर बातचीत करेंगे।
(source-citybhaskar,jaipur )
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